हरे रामा
नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं
सावधान सुनु धरु मन माहीं
प्रथम भगति संतन्ह कर संगा
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा
गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान
चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा
पंचम भजन सो बेद प्रकासा
छठ दम सील बिरति बहु करमा
निरत निरंतर सज्जन धरमा
सातवँ सम मोहि मय जग देखा
मोतें संत अधिक करि लेखा
आठवँ जथालाभ संतोषा
सपनेहुँ नहिं देखइ परदोषा
नवम सरल सब सन छलहीना
मम भरोस हियँ हरष न दीना
नव महुँ एकउ जिन्ह के होई
नारि पुरुष सचराचर कोई
सोइ अतिसय प्रिय भामिनि मोरे
जय श्री राम
नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं
सावधान सुनु धरु मन माहीं
प्रथम भगति संतन्ह कर संगा
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा
गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान
चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा
पंचम भजन सो बेद प्रकासा
छठ दम सील बिरति बहु करमा
निरत निरंतर सज्जन धरमा
सातवँ सम मोहि मय जग देखा
मोतें संत अधिक करि लेखा
आठवँ जथालाभ संतोषा
सपनेहुँ नहिं देखइ परदोषा
नवम सरल सब सन छलहीना
मम भरोस हियँ हरष न दीना
नव महुँ एकउ जिन्ह के होई
नारि पुरुष सचराचर कोई
सोइ अतिसय प्रिय भामिनि मोरे
जय श्री राम